Saturday 19 November 2016

देश का मिजाज


हम बदलेंगे देश बदलेगा तो क्या हम बदलने के लिए तैयार है ? देश के अंदर और बाहर स्थित काला धन समाप्त हो क्या हम प्रयासरत हैं ? सोशल मीडिया पर कमेंट, पोस्ट या अपनी भाषा में जबाव देने को तैयार लोग क्या राष्ट्रभक्त हैं ? काले धन अपने खाते में रख लेंगे 40 प्रतिशत कमीशन लेकर क्या वो राष्ट्रवादी नहीं हैं ? बाजार की हालत - खुदरा बाजार, थोक बाजार, उद्योग आदि पर जो असर है उसके पूर्व ही शेयर बाजार में कई हजार करोड़ रूपये का कैपिटल समाप्त हो गया, आने वाले आर्थिक मंदी से बाजार घबराया है इसका असर आम लोगों को नहीं होगा ? अनगिनत सवाल जबाव में एक ही शब्द आता है राष्ट्रभक्ति ।
हम सभी लोगों को समझना होगा कि आजादी के 70 साल से लेकर आजतक कितने कानुन बनाए गए सेना से लेकर कितने पुलिस बलों की भर्ती की गयी, कितनी योजनाएं बनायी गयी लेकिन हम मुलभुत सुविधाओं से आज भी बंचित हैं अपनी आर्थिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने में सफल नहीं हो पाए क्या ये हमारे द्वारा चुने गये सरकारों की नाकामी नहीं है क्या कभी उनलोगों ने जिम्मेदारी ली ? हर समय देश की जनता ही जिम्मेदार थी है और आगे भी रहेगी हम-आप जितना देश भक्त हो जाएं लुटेरों पर कोई असर नहीं होगा ।
आज देश का मिजाज है कि कोई प्रधानमंत्री ऐसा आया है जिसमें कुछ कर गुजरने का साहस है जो अपने जज्बे से देश को चलाना चाहते हैं सब कुछ देश के लिए छोड़ा है यही कारण है कि देशवासियों को लाख पीड़ा हो रही है लेकिन दम साधे पंक्तिवद्ध हैं और अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं और मोदी जी का गुणगान भी । इस मिजाज से टकराना किसी के लिए भी आसान नहीं है ।
आज राष्ट्र पीछे है और राष्ट्रभक्ति आगे क्या इसको समझने का सामर्थ्य कितने लोगों के पास है ? वर्तमान में सरकार के द्वारा सभी कदमों को राष्ट्रभक्ति से जोड़ दिया जाता है खुब शोर होता  है और राष्ट्रभक्ति आगे हो जाती है और राष्ट्र पीछे ।
हमारे बोलने और करने में समानता है आज हम सभी नेता हैं बड़ी-बड़ी बातें करते हैं सबकुछ ठीक हो जाएगा इश्वर करे ऐसा ही हो लेकिन क्या हम इसके लिए तैयार हैं ? 
क्या हम और आप इमानदार हैं ? 
क्या मैं मेरा मिजाज एक जैसा काम कर रहा है ?
दिल पर हाथ रखकर सोचें ...................................


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