Thursday 12 May 2016

स्त्री के लिए घटविवाह तो पुरूष के लिए....?


आप सभी ज्योतिष में रूचि रखने वाले ज्योतिष को जानने एवं मानने वालों के लिए कहना चाहेंगे कि मंगल दोष जिसे मांगलिक दोष के नाम से जानते हैं क्या इसको मानना चाहिए या नहीं यदि मानना चाहिए तो किस हद तक मानना चाहिए साथ ही इसके जो उपाय बताए जाते हैं उसपर कितना भरोसा करना चाहिए यह एक प्रश्न है ? 
आज के परिवेश में दोष बताकर उपाय करना ही ज्योतिषियों का काम बचा रह गया नित्य अपने ज्ञान को बढ़ाना या अनुभव से शास्त्रीय श्लोकों की व्याख्या करना मुश्किल है ऐसे नमुने उपाया ढुंढ कर बताया जाय जो कभी किसी न सुना न हो इसके लिए ज्योतिष की पुस्तक छोड़ टोने-टोटके की पुस्तक का विशेष अध्ययन करते हैं ।
मंगल दोष या मांगलिक जातक की पत्रिका में कैसे देखा जाता है साथ ही इसका प्रभाव कितना हो ये सब कुछ समझना दैवज्ञों के लिए आसान है । लेकिन मंगल दोष को लेकर मिथ्या बात करने वालों को समझना और समझाना उतना ही मुश्किल । आप लोग सभी सुनते हैं कि घोर मांगलिक है और आंशिक मांगलिक है, मंगल भारी है, प्रबल मांगलिक है ऐसे शब्द अक्सर सुनने में आते रहता है । 
आज सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि स्त्री जातक के लिए मंगल दोष होने पर घट विवाह तथा बृक्ष विवाह जिसमें पीपल के पेड़ से विवाह आदि बताए जातो हैं तो पुरूष जातक मांगलिक हो तो उसके लिए कौन सा उपाय बताया जाता है कभी आपने सुना, नहीं सुना तो क्या ऐसा कुछ लिखा है तो क्या कहीं पढ़ा नहीं पढ़ा तो पढ़ने एवं जानने का प्रयास करें नहीं तो आप अर्थहीन टोने-टोटके करते रहेंगे और आपको लाभ कुछ नहीं मिलेगा और समय के साथ धन भी खर्च होगा ।

घटविवाह, बृक्ष विवाह आदि की बात मुहुर्त चिंतामणी में लिखा है लेकिन उस स्त्री जातक के लिए जिसके पत्रिका में वैधव्य योग बना हो । किसी के मांगलिक होने मात्र से वैधव्य योग नहीं बन सकता है इसके लिए अध्ययन जरूरी है । 

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