Monday, 30 May 2016

मोदी जी की विदेश यात्रा आन्तरिक मामलों में हार तेज होगा व्यापार


मोदी जी का जन्म दिवस 17 सितम्बर 1950 दिन के 11.00 ए.एम वडनगर के अनुसार बृश्चिक लग्न और बृश्चिक राशि विंशोत्तरी महादशा चन्द्रमा में शनि का जुन के प्रथम सप्ताह में ही प्रत्यंतर में लाभेश बुध की दशा प्रारंभ होगी ।
मोदी जी की विदेश यात्रा 4 जुन से प्रारंभ होकर 9 जुन तक का है जिसमें वो 4 जुन को अफगानिस्तान जाएंगे और उसी दिन कतर के लिए रवाना होंगे 4 व 5 जुन को कतर में रहेंगे उसके बाद 6 जुन को स्वीटजरलैंड, 7 एवं 8 जुन को अमेरिका तथा 9 जुन को मेक्सिको के लिए रवाना होंगे । अच्छी बात है कि यात्रा प्रारंभ के दिन सप्तम चन्द्रमा रहेगा और अफगानिस्तान में जाकर विरोधियों को जाबाव देंगे और आपना लोहा मनवाने का प्रयाश करेंगे अफगानिस्तान पर उपकार किये इसका भी दंभ होगा साथ ही प्रयास होगा कि अफगानिस्तान खुलकर भारत का मदद करे जिसमें आश्वासन मिलेगा कामयाबी नहीं । उद्घाटन और भाषण प्रभावशाली होगा  साथ ही चन्द्रमा सूर्य, शनि, मंगल के प्रभाव में होने से विशेष सावधानी की जरूरत होगी किसी भी प्रकार के सुरक्षा में ढील खतरनाक हो सकता है । कतर की यात्रा संतोषप्रद होगी और व्यापार की बात में आगे बढ़ेंगे और पूर्ण रूप से कामयाब होंगे । अपने मनोनुकुल समझौता होने से संतोष होगा और सम्मान पाकर गद-गद भी होंगे । लेकिन कतर और अफगानिस्तान में आतंकवाद पर चर्चा होगी और सिर्फ चर्चा होगी दुविधा बनी रहेगी ।
स्वीटजरलैंड जाकर भारतीयमूल के लोगों में भारतीयता भरने का भरसक प्रयास करेंगे और मेकइन इंडिया में सहयोग करें इस बात पर विशेष बल देंगे । यहां के लोगों के साथ-साथ सरकारी कार्यक्रम अपने मनोनुकुल करवाने में सफल होंगे अर्थ लाभ की अभिलाषा दुरगामी प्रभाव में रंग लाएगा ।

अमेरिका यात्रा के आखिरी दिन कर्क राशि में चन्द्रमा गोचर के अनुसार चन्द्रमा का नवम गोचर होगा मोदी जी के पत्रिकानुसार चर राशि का चन्द्रमा हो जाने के कारण पूर्व निर्धारित संवाद में परिवर्तन लाना होगा इसके बावजुद अपनी बातों को स्पष्टता से रखने में सफल होंगे । 
चन्द्रमा के अंतर में शनि जो इनके पत्रिका में चतुर्थेश है साथ ही दशा अक्ष 4-10 का होने के कारण अपने कार्यप्रभाव से ओबामा को प्रभावित कर उनके आखिरी कार्यकाल का लाभ उठाने का प्रयास करेंगे । व्यापार संबंधी बातों में बुध का प्रत्यन्तर होने के कारण शतप्रतिशत सफल होंगे लेकिन चतुर्थेश शनि का मंगल और सूर्य के प्रभाव में होने के कारण आन्तरिक सुरक्षा की चर्चा करेंगे और पाकिस्तान के उपर दबाव बनाने की बात होगी लेकिन बातों को सिर्फ रखने में सफल होंगे अपेक्षा के अनुकुल अमेरिका से मदद नहीं मिलेगा । अमेरिका के लिए व्यवसाय ही मुल विंदु रहेगा ।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर भी मोदीजी की यात्रा विशेष पभाव डालेगा शारीरिक भाषा से ही बताने में सफल होंगे कि वो किन्हें अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहेंगे । चन्द्रमा लग्न में स्थित मंगल की राशि बृश्चिक का होने के कारण अपनी राजनैतिक कलात्मकता से पुनः सबको प्रभावित करेंगे और अपने कुछ असफलताओं को छुपाने में सक्षम रहेंगे ।
चतुर्थेश शनि मंगल एवं सूर्य के प्रभाव में होने के कारण वर्तमान विदेश यात्रा आंतरिक मामलों में विदेशी सहयोग की दृष्टि से असफल होगा ।

Thursday, 12 May 2016

स्त्री के लिए घटविवाह तो पुरूष के लिए....?


आप सभी ज्योतिष में रूचि रखने वाले ज्योतिष को जानने एवं मानने वालों के लिए कहना चाहेंगे कि मंगल दोष जिसे मांगलिक दोष के नाम से जानते हैं क्या इसको मानना चाहिए या नहीं यदि मानना चाहिए तो किस हद तक मानना चाहिए साथ ही इसके जो उपाय बताए जाते हैं उसपर कितना भरोसा करना चाहिए यह एक प्रश्न है ? 
आज के परिवेश में दोष बताकर उपाय करना ही ज्योतिषियों का काम बचा रह गया नित्य अपने ज्ञान को बढ़ाना या अनुभव से शास्त्रीय श्लोकों की व्याख्या करना मुश्किल है ऐसे नमुने उपाया ढुंढ कर बताया जाय जो कभी किसी न सुना न हो इसके लिए ज्योतिष की पुस्तक छोड़ टोने-टोटके की पुस्तक का विशेष अध्ययन करते हैं ।
मंगल दोष या मांगलिक जातक की पत्रिका में कैसे देखा जाता है साथ ही इसका प्रभाव कितना हो ये सब कुछ समझना दैवज्ञों के लिए आसान है । लेकिन मंगल दोष को लेकर मिथ्या बात करने वालों को समझना और समझाना उतना ही मुश्किल । आप लोग सभी सुनते हैं कि घोर मांगलिक है और आंशिक मांगलिक है, मंगल भारी है, प्रबल मांगलिक है ऐसे शब्द अक्सर सुनने में आते रहता है । 
आज सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि स्त्री जातक के लिए मंगल दोष होने पर घट विवाह तथा बृक्ष विवाह जिसमें पीपल के पेड़ से विवाह आदि बताए जातो हैं तो पुरूष जातक मांगलिक हो तो उसके लिए कौन सा उपाय बताया जाता है कभी आपने सुना, नहीं सुना तो क्या ऐसा कुछ लिखा है तो क्या कहीं पढ़ा नहीं पढ़ा तो पढ़ने एवं जानने का प्रयास करें नहीं तो आप अर्थहीन टोने-टोटके करते रहेंगे और आपको लाभ कुछ नहीं मिलेगा और समय के साथ धन भी खर्च होगा ।

घटविवाह, बृक्ष विवाह आदि की बात मुहुर्त चिंतामणी में लिखा है लेकिन उस स्त्री जातक के लिए जिसके पत्रिका में वैधव्य योग बना हो । किसी के मांगलिक होने मात्र से वैधव्य योग नहीं बन सकता है इसके लिए अध्ययन जरूरी है । 

Saturday, 7 May 2016

कभी क्षय नही होता अक्षय तृतीया से प्राप्त पुण्य

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को ही अक्षय तृतीया के रूप में मनाते हैं । अक्षय का अर्थ ही होता है जिसका कभी क्षय नही होता। भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि की गणना युगादि तिथियों होती है । ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि को कभी सतयुग और त्रेतायुग का प्रारम्भ हुआ था। तृतीया तिथ के साथ कृतिका या रोहिणी नक्षत्र हो और बुधवार या सोमवार दिन हो तो विशेष रूप से प्रशस्त माना गया है । अक्षय तृतीया के दिन सनातन धर्म को मानने वाले स्नान दान यज्ञ आदि किया करते हैं ताकि उनके द्वारा किये कार्य से प्राप्त शुभ का क्षय नहीं हो । 
अक्षय तृतीया की ही तिथि को भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते है। इस वर्ष तो महाकुंभ के शाही स्नान की तिथि भी अक्षय तृतीया के दिन निश्चित है । इस वर्ष 09 मई दिन सोमवार को मृगशिरा नक्षत्र में एंव सुकर्मा योग में अक्षय तृतीया पड़ रही है। अक्षय तृतीया को किसी कार्य को करने के लिए पंचाग शुद्धि की आवश्यकता नहीं होती परन्तु इस वर्ष शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह आदि के मुहुर्त नहीं बताए गए हैं साथ ही ऐसे कार्य जिससे भौतिक सुख-सुविधा का बोध हो उसे भी वर्जित कहा गया है ।
शुक्र ग्रह के अस्त होने पर जो त्याज्य कर्म शास्त्रों में बताए गए हैं गृहप्रवेश, शिलान्यास, कूपारम्भ, तालाब एवं उपवन, वधू प्रवेश तथा द्विरागन आदि ।  किसी भी व्रत का उद्यापन, अष्टका श्राद्ध, गोदान, बालकों के जातक कर्म, नामकरण संस्कार, कर्णभेदन, देवस्थापाना, मन्त्र दीक्षा, मुण्डन, उपनयन,  सन्यास ग्रहण, राज का दर्शन आदि के लिए मना किया जाता है 
आजकल के परिावेश में सोने-चांदि, रत्नादि के खरीदने का प्रचलन है क्योंकि रत्नादि के मूल्यों का भी क्षय नहीं होता और ये सदैव मुल्यवान होने के साथ-साथ अक्षय होते हैं । जबकि हमें अपने पुण्य कर्मों से प्राप्त शुभ फल की चिंता करनी चाहिए और पुण्य कर्म करने चाहिए । वैशाख में छतरी एवं जल दान तथा शीतल जल हेतु घड़ा आदि का दान कहा गया है । अक्षय तृतीया के दिन पनसाला आदि की व्यवस्था मासभर के लिए करने से पुण्य फल के भागी होते हैं 
कहा भी गया है -
अष्टादश पुराणेशु व्यासस्य वचन द्वयम् ।
परोपकाराय पुण्याय पापाय पर पीडनम ।।
अक्षय तृतीया के दिन परोपकार करने से प्राप्त पुण्य का कभी क्षय नहीं होगा । 

अक्षय तृतीया को पड़ने वाले योग - 
सर्वार्थ सिद्धि - 
सूर्योदय से लेकर रात्रि 12 बजकर 08 मि. तक होगा ।
सर्वार्थ सिद्धि योग - 
सूर्योदय से लेकर रात्रि 12 बजे तक अमृत सिद्धि योग रहेगा। 
खरीद्दारी के शुभ मुहूर्त -  
अमृतसिद्धमुहुर्त का चयन रत्नादि की खरीद के लिए कर सकते हैं जिसमें स्थानीय समायनुसार दोपहर 12 बजे से 48 मिनट पूर्व एवं पश्चात के समय का चयन करने से आप अभिजित मुहुर्त का भी पालन कर लेते हैं । साधारण रूप से कहना चाहें तो अक्षय तृतीया की तिथि में किसी मुहुर्त आदि का विशेष महत्व नहीं है ।

कुछ लोकप्रिय जन टेलिविजन पर कहते नजर आ रहे हैं कि इस बार की अक्षय तृतीया अक्षय नहीं होगी ऐसे संवाद से बचें विवाह आदि जो उपर आपको बताया गया है उसके लिए अलग से निर्णय लिया जाता है इसलिए मिथ्या प्रलाप से बचना जरूरी है । अक्षय तृतीया उतनी ही अक्षय है आपके द्वारा किये पुण्य कर्म या रत्नादि के खरीद के लिए शुभ है ।
धन्यवाद !

राशिनुसार नित्य नये उपाय एक मिथ्या प्रचार

राशिनुसार नित्य नये उपाय एक मिथ्या प्रचार

आजतक सभी ज्योतिष एवं ज्योतिष पुस्तकों में लिखे संवाद का मुल होरा पराशर से ही लिया गया है होरा पराशर के अध्ययन के बिना किसी भी प्रकार के ज्योतिष या वास्तु की कल्पना नहीं की सकती । 18 प्रवर्तकों के बाद आज किसी की पुस्तक पढ़ने का दिल करता है तो गोपेश्वर नाथ ओझा का फलदीपिका, रामानुचार्य का भावर्थ रत्नाकर के साथ बी. भी रमन की पुस्तक जो अगल-अलग विषयों पर लिखे हैं और अपनी व्याख्या में ज्योतिष के मार्ग से भटके नहीं और कहीं दावा भी नहीं किया कि ये सूत्र मेरे द्वारा पतिपादित हैं । आज के बड़े विद्वान लेखक नकल कर पुस्तक लिखते हैं और कहते हैं ये हमारा अनुभव के द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त है जिसका पोल टेस्ट बुक पढ़ने वाले पाठक को आसानी से पता चल जाता है कि कहां से नकल किया । हम इसे भी अच्छा मानते हैं चलो कुछ तो सरलीकरण कर आमलोगों के पढ़ने योग्य बनाया परन्तु बहुत दुःख होता है जब ज्योतिष बनकर ऐसी बातें करते हैं जो शास्त्र सम्मत हो ही नहीं साथ ही ऐसे मिथ्या प्रचार नेशनल चैनल के माध्यम से करते हैं । उन्हीं बातों मे से एक बात जिसकी चर्चा करना चाहता हूँ कि हमारे लोकप्रिय ज्योतिषाचार्य अपने कार्यक्रम में बताते हैं मेषादि राशि वालों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा यहां तक तो समझ में आता है कि ग्रहों के गोचर के अनुकुल चन्द्रमा को विशेष रूप से ध्यान में रखकर बताना संभव है, जबकि ये कार्य भी मुश्किल है कि कोई सिर्फ किसी के राशि को जानकर या समुचे संसार को 12 राश्यिों में बाँट कर शुभाशुभ परिणाम कैसे बता सकते हैं । हम रोज ही जातक को तीन चरणों में बांटकर, अनेक प्रकार के कार्य व्यवसाय को ध्यान रखकर साथ ही लिंगानुसार सोचसमझ कर लिखने और बताने का प्रयास करते हैं और स्वयं ही बहुत संतुष्ट नहीं होते ।
अब बात करते है जो लोग प्रत्येक राशि के बाद नित्य नये उपाय बताते हैं जैसे कि मेष राशि वाले हनुमान जी को आज 11 लड्डु का भोग लगाएं एवं बृष राशि वाले सरस्वती के 12 नामों का आज जप करके घर से बारह जाएं इसी तरह अन्य राशियों के लिए अलग-अलग उपाय कभी तो ऐसा भी सुना कि मिथुन राशि वाले बायां नाक साफकर काम पर निकलें और पुनः अगले दिन 12 राशियों के लिए भिन्न-भिन्न उपाय बता देते हैं । 
क्या ये संभव है ?
यह किस ग्रंथ में लिखा है ?
किस श्लोक की व्याख्या से यह ज्ञान प्राप्त हुआ है ?
क्या बिना उपाय किये जाने से काम में व्यवधान ही बना रहेगा ? 
ऐसा न जाने कितने सवाल मेरे मन में आता-जाता रहा और हमने कई पुस्तकों का अध्ययन भी किया परन्तु हमें कहीं ऐसी जानकारी नहीं मिल पायी, वेद पुराणों को भी संक्षिप्त में पढ़ने का प्रयास किया परन्तु ऐसे नियम कहीं नहीं बताए गए । हमारी समझ से तो परे है हम ऐसी व्याख्या करने में अपने आप को सक्षम नहीं पाए इसका कारण यह था कि किसी शास्त्रीय पुस्तक में इसका कोई आधार नहीं मिला ।
हम आप लोगों के समक्ष पाठ इसलिए लिख रहे हैं कि आप रूचि रखने वाले लोग जो सिर्फ ये समझते हैं कि इतने लोकप्रिय ज्योतिषियों ने यह बताया तो जरूर आधार होगा । हमने कई ज्योतिषियों से इसके बारे में जानने का प्रयास किया पर किसी का उत्तर संतोषपूर्ण नहीं था एवं हमें हास्यास्पद लगा । 
आप ज्योतिष में गंभीर रूचि रखने वाले लोग भी इसका पड़ताल करें और कोई यथार्थ जानकारी प्राप्त हो तो हमें भी सूचित करें । तबतक ऐसे संवाद से बचें जो लोकप्रिय हैं वो विद्वान हो सकते  हैं इसमें संशय होता है, आप भी हमारी तरह जिज्ञासु हों ।
धन्यवाद !

ज्योतिषाचार्य पं. श्रवण झा “आशुतोष”
संपर्क - 9911189051, ashutoshastrometer@gmail.com
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